बल्कि यह मार्च सारे समाज को यह याद दिलाने के लिये है कि समाज की हर महिला को यह अधिकार है कि कोई भी उसके साथ अनुचित स्पर्श, शाब्दिक या शारीरिक कामुकतापूर्ण उत्पीड़न, बलात्कार यहाँ तक कि हत्या भी न करे, सिर्फ इसलिये कि वह एक स्त्री है, अपना खुद का एक दिमाग भी रखती है तथा समाज के थोड़े से पर अति मुखर एक वर्ग द्वारा प्रेस्क्राइब्ड एक तथाकथित आदर्श आचार-पहनावे को नकार अपनी पसंद, काम व सुविधा के अनुसार कपड़े पहने है!